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इससे पहले घुटते एहसासों को पागल कर दो
बेहतर होगा कि, अपना दिल ही तुम कागज़ कर दो
बेहतर होगा कि, अपना दिल ही तुम कागज़ कर दो
— काग़ज़ दिल —
— युवराज अमित प्रताप -✍️