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👌 ” माँ की महिमा” 👌
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कहना चाहूँ कह न पाऊँ ,
लिखना चाहूँ लिख न पाऊँ,
ऐसा है माँ का गुणगान ,
जिस पर करते हम अभिमान।
खुदा भी जिसका रखता ध्यान,
वो है मेरी माँ महान ,
दिल में जिसके प्यार अपार ,
जिसकी महिमा है अपार ,
सबके दुःख को हरती है ,
खुद पीड़ा को सहती है ,
अपने पर आ जाये अगर ,
कहाँ किसी की सुनती है,
अबला से सबला बन जाती ,
जब बच्चो पर विपदा आती ,
नारी खुद में है महान ,
माँ बन कर करती कल्यान ।
” नीरज सिंह ”
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