साल्ट – ऑइल – एलपीजी
नवरस नवजीवन नवल इतिहास
हद मे आसमान-उड़ान का आगाज़ –
आंखो मे सपने
मन मे है विश्वास ।
आज की स्त्री —
ऐ बिरा ,ब्य्यर ,बैरबानी , बयरबानी लुगाई ,औरत, महिला,
और
डाक्टरनी , मास्टरनी , मिसेज ×××से
मैडम, मैम, बेब्स ,
चेयरपर्सन
तक का काँटों भरा सफर
तय कर — — — — —
आज पहुंची है –
जहां कदम तले जंहा है ,
पर –
स्वयंसिद्धा को फर्क करना है
स्वतंत्रता
और
स्वछंदता के बीच का
( मेरी मर्जी )
काश=
( मेरे सपनो की पान्डुलिपि )
मधु खंडेलवाल ,रोहिणी दिल्ली