विवेक दुबे कविता (संदेशात्मक) Apr 13, 2018 8:13 pm चित्र चिंतन 13 Apr उठा किताब कलम को । तू थाम ज्ञान विज्ञान को । कर पथ रोशन अपना , तू बना सहारा ज्ञान को । जकड़ न लें बेड़ियाँ तुझको । जकड़े पराधीन बंधन तुझको । तोड़ बेड़ियाँ कुंठित बंधन की । स्वयं सहारा दे तू खुदको । ….. विवेक दुबे”निश्चल”@… Read by 15 Report Post Share: Related Posts:हे ज्ञानदा माँज्ञान दे माँसरस्वती वंदनाक्या माँगूं मैं माँ तुमसेनूतन युग की तुम हो नारीशराबबंदी