Naveen kumar Tiwari कुंडलियाँ Mar 25, 2018 10:02 am गरीबी 25 Mar ममता व गरीबी ममता के मोल बिकते, गरीब ये संसार। गरीब आंसू पोछिये ,कौन बने भरतार ।। कौन बने भरतार, देख आनन्दित रहिये ।। रखते सेवा दार ,सेवा करते देखिये ।। मस्ती करते अपार,गरीबी में समता। माता खोजे द्वार , बिकते कहाँ ममता ।। नवीन कुमार तिवारी Read by 11 Report Post Share: