नवल पाल प्रभाकर क्षणिकाएँ Apr 9, 2018 5:10 pm प्रकृति सौंदर्य 09 Apr प्रकृति सौंदर्य सुबह का अलसाया हरियाली युक्त निखार लाता यौवन मधुशित तेरा चेहरा अर्द्धनिद्रा, नशीली आंखे अन्दर स्फुर्ति चेहरे पर आनन्द विभोर अलसाया सा तन कुंभलित केश ऐसी है प्रकृति ऐसा है इसका भेष। -ः0ः- नवलपाल प्रभाकर “दिनकर” Read by 24 Report Post Share: