गमों से ये भरी है…. जिन्दगी क्यूँ ।
कभी गम तो कभी है ये खुशी क्युँ।।
कभी तन्हाईयो का है येआलम।
कभी हंसती रही है जिन्दगी क्यूं।।
सहे हर दर्द हम ने तो खुशी से।
रही हर वक्त आँखो मे नमी क्यो।।
कभी शिकवा नही हमको किसी से।
रही मुझ से खफा ये जिन्दगी क्यो।।
नही रहना हमे अब इस जहाँ मे।
सनम तेरे बिना ये जिन्दगी क्यूँ।।
ये”अंशु” आज भी है बस तुम्हारी।
रही फिर ज़िन्दगी मे कुछ कमी क्यूं।।
©अंशु कुमारी