बहुत ही सताया दरिंदों ने उस को।
बहुत ही रूलाया दरिंदों ने उस को।
बिलखती रही चीखती ही रही वो
नहीं फिर भी छोड़ा दरिंदो ने उस को।
किसी के जिगर का वो टुकड़ा थी लोगो
मगर रौंद डाला दरिंदो ने उस को।।
नहीं सख्त कानून अब तक यहां है।
तभी मार डाला दरिंदों ने उस को।।
कभी दामिनी तो कभी आसिफा हैं।
बिना खौफ लूटा दरिंदों ने उस को।।
कहां पर छुपे अब ये भारत की बेटी।
कि मंदिर में नोचा दरिंदों ने उस को।।
ये बेटी पढ़ाओ ये बेटी बचाओ।
विफल कर के छोड़ा दरिंदो ने उस को।।
©अंशु