प्रेम पाती ,/ख़त / पत्र
हर बार ये सवाल , करती नैनो के वार ।
ख़त नहीं लिखे यार , दिल नहीं देखते ।।
ख़त लिख गुम होते , काश साथ तुम होते ।
नैनो में तुम बसते , ख़त कैसे लिखते ।।
ख्यालो में हो गुलजार , उपवन में बहार ,।
रहती दिल सवार , ख़त किसे भेजते ।।
ख़त देख अश्रु धार , मौन नैन उर हार ।
सूखे व्होट रूखसार , ख़त कौन पढ़ते ।।
स्वरचित
नवीन कुमार तिवारी ,अथर्व