*भ्रष्टाचार,*
देश परदेश तक, बात करे विदूषक ।
विश्व गुरु हम कब, कौन पोल खोलता ।।१
एक दूजे पे आरोप, किया उसे भंडा तोप।
जेल बता जाने ख़ौप, कौन कब बोलता ।।२
स्विस बैंक लबालब, कर जवाब तलब ।
धन देश आ गजब ,कौन मौन डोलता ।।३
भ्रस्टाचार सरकार, गजब है हाहाकार ।
विपक्ष भी फनकार , चर्चा भागे घोरता ।।४
*नवीन कुमार तिवारी,,*