Naveen kumar Tiwari दोहा Apr 5, 2018 9:11 pm न्याय या,, 05 Apr मांग रहे इंसाफ वे, देते बीसो साल । अस्थि पंजर ढीले करे ,निकाले रखो खाल।। ढूंढो ढूंढो हिरन सभी, किसका बनता काल । मौत मौत खेले गया , मर रहा अब अकाल । नवीन कुमार तिवारी Read by 5 Report Post Share: Related Posts:मेहनत पर दोहेडाली झुकी वो फल कीकनक ,स्वर्णअंधेरा, तीरगी,तमसमानताशूल लगे भूल