भटक न जाऊँ कहीं तुम राह दिखाना कान्हा,
मन में बहुत अंधेरा है उजाला फैलाना कान्हा,
गलत न हो मुझसे, कभी भी कोई दिल न टूटे,
बस इतना सा सच्चा और अच्छा बनाना कान्हा।
सखी
भटक न जाऊँ कहीं तुम राह दिखाना कान्हा,
मन में बहुत अंधेरा है उजाला फैलाना कान्हा,
गलत न हो मुझसे, कभी भी कोई दिल न टूटे,
बस इतना सा सच्चा और अच्छा बनाना कान्हा।
सखी