Anshu kumari मुक्तक (वेदना) May 2, 2018 10:29 pm जिंदगी एक मेरी अमानत नहीं 02 May जिंदगी से शिकायत करें भी तो क्या। जिंदगी एक मेरी अमानत नहीं।। उम्र भर कैद रहना ही है जिंदगी। इस सज़ा में मिलेगी जमानत नहीं। अंशु Read by 127 Report Post Share: Related Posts:"फिर कैसे बेवफ़ा मैं ?"...रंज-ओ-ग़म हो न अगर आँखें कभी रोती क्या ?"जी करता है"..."ढल जाऊँ मैं"...मोहरामेरी मां