shkiha SHIKHA Naari मुक्तक (वेदना) Mar 17, 2018 9:25 am दर्द सहज 17 Mar पंक्तिया थोड़ी कठिन हैं ,पर हैं मेरे अल्फ़ाज़ सहज मेरे दिल के कागज़ पर, दर्द के बिखरे अहसास सहज इतनी तड़पी है रूह मेरी की ,विरह के अहसास सहज इस विक्षिप्त टूटे दिल को, अब सारे झूठे अनुराग सहज Read by 227 Report Post Share: