उत्तर की चौकसी जो करे सावधान है।
रक्षा करे जो देश की तो इक जवान है।।
वो आसमाँ से बात करे सीना तान कर।
ऊँचा खड़ा हुआ है हिमालय महान है।।
आँधी हो या तूफ़ान वो डरता नहीं कभी।
बेख़ौफ़ जो खड़ा है तिरंगे की शान है।।
मंगोल चीन भी न कभी पार पा सके।
मजबूत हो लड़ा है वो भारत की आन है।।
दीवार बन खड़ा है वो वर्षों से आज तक।
वो भूत है भविष्य है वो वर्तमान है।।
करना न पार आज उसे दुश्मनों सुनो।
सीमा बना है देश की वो इक निशान है।।
आने न दे किसी को यहाँ तोड़ दे उसे।
वो देश दुश्मनों के अगर दरमियान है।।
ग़ज़ल – सुधीर बमोला
ऋषिकेश