कागजदिल ———-
नैना बरसे सावन भादो,दूर बहुत है हर मंज़िल,
कौन सुने फरियाद मेरी,सुलझे कैसे ये मुश्किल,
जज्बातों को कलम बना दूँ और बना दूँ कागजदिल।
पल पल नाम जपा था जिसका,दिल मे जिसे बसाया था,
तक तक रस्ता थक गई अँखियां, मन मेरे जो भाया था।
सपनों का था सौदागर जो,वही ख्वाबों का है कातिल,
जज्बातों को क़लम बना दूँ,और बना दूँ कागजदिल।
कर के वादे तोड़ गया वो , टूट गए सारे सपनें
, रुला के मुझको खुश है वो,दगाबाज़ तेरे क्या कहने।
इक दिन मुझको याद करेगा,रोयेगा तू भी संगदिल,
जज्बातों को कलम बना दूँ,और बना दूँ कागजदिल।
सच्चा प्यार बड़ी मुश्किल,से इस दुनिया मे मिलता है,
फूल मोहब्बत का गुलशन में, किस्मत से ही खिलता है।
कुचल मेरे अरमानों को ,होगा तुमको क्या हासिल,
जज्बातों को कलम बना दूँ, और बना दूँ कागजदिल।