ग़ज़ल
कागज़दिल से राज़ मिला ।
लिखने का अंदाज़ मिला ।।
इतने दिन के बाद मुझे ।
एक सुरीला साज़ मिला ।।
आज थमा तूफ़ान शुकर ।
मिट्टी में परवाज़ मिला ।।
कभी सुना है क्या जीजा।
साली से नाराज़ मिला ।।
चिड़ियाँ आज कहाँ जाएँ।
हर डाली पर बाज़ मिला ।।
सूर्य पुत्र ‘सुर’ जब आए।
दुनिया को फ़ैयाज़ मिला।। ।। धन्यवाद ‘सुर’ ।।