अवनेश कबीर चौहान काग़ज़ दिल रचना Mar 14, 2018 9:29 am हाल – ए – दिल – काग़ज़ दिल 14 Mar करें खुदा से या साजन से तर्क मोहब्बत का लिख दो तुम करता कौन मोहब्बत सच्ची फर्क मोहब्बत का लिख दो तुम जीवन पूरा काट दिया है विन साजन विन प्यार के कागज दिल है कोरा कोरा हर्फ़ मोहब्बत का लिख दो तुम अवनेश कबीर✍ Read by 17 Report Post Share: Related Posts:काग़ज़ दिल" title="काग़ज़ दिल" width="150" height="150" class="crp_thumb crp_featured" />काग़ज़ दिलइबारत लिख दो…काग़ज़ दिल" title="इबारत लिख दो…काग़ज़ दिल" width="150" height="150" class="crp_thumb crp_featured" />इबारत लिख दो…काग़ज़ दिलकागज दिल" title="कागज दिल" width="150" height="150" class="crp_thumb crp_featured" />कागज दिलप्यार – काग़ज़ दिल" title="प्यार – काग़ज़ दिल" width="150" height="150" class="crp_thumb crp_default" />प्यार – काग़ज़ दिलकागज दिल " title="कागज दिल " width="150" height="150" class="crp_thumb crp_default" />कागज दिल अदृश्य स्याही – कागज दिल" title="अदृश्य स्याही – कागज दिल" width="150" height="150" class="crp_thumb crp_default" />अदृश्य स्याही – कागज दिल