Joshi क़ता (अन्य) Apr 30, 2018 10:18 am निगाहें 30 Apr निगाहें अक्सर मचल जाती है, जब तेरी नजरों से मिल जाती हैं। निगाहें बेसब्र हो जाती हैं, जब वो जुल्फें चेहरे से हटाती हैं। निगाहें गैर हो जाती हैं, जब उनकी आंखों से टकराती हैं। निगाहें कातिल बन जाती हैं, जब वो दिल में उतर जाती हैं।। Read by 24 Report Post Share: Related Posts:कागज़ दिल" title="कागज़ दिल" width="150" height="150" class="crp_thumb crp_default" />कागज़ दिलनाजुक होता काग़ज़ दिल" title="नाजुक होता काग़ज़ दिल" width="150" height="150" class="crp_thumb crp_featured" />नाजुक होता काग़ज़ दिलकागज़ दिल" title="कागज़ दिल" width="150" height="150" class="crp_thumb crp_default" />कागज़ दिलकागज़ दिल से तस्वीर मिटाना मुश्किल है" title="कागज़ दिल से तस्वीर मिटाना मुश्किल है" width="150" height="150" class="crp_thumb crp_featured" />कागज़ दिल से तस्वीर मिटाना मुश्किल हैकाग़ज़ दिल" title="काग़ज़ दिल" width="150" height="150" class="crp_thumb crp_featured" />काग़ज़ दिलकागज दिल पर इश्क़े-पैमाना" title="कागज दिल पर इश्क़े-पैमाना" width="150" height="150" class="crp_thumb crp_featured" />कागज दिल पर इश्क़े-पैमाना