Yuvraj Amit Pratap क़ता (दर्द) Apr 5, 2018 3:12 pm बादे सबा 05 Apr बादलों का जमघट बातें करता है उस आसमानी तन्हाई की तस्वीर खींची है जहाँ मुझसे उसकी जुदाई की जरा गुजरे बादे सबा मोहब्बत के आगोश से सूरज के सीने में जल उठती है आग उसने जो बेवफाई की युवराज अमित प्रताप 77 Reg.Co.Ryt.- 371/97 Read by 21 Report Post Share: Related Posts:ख़ौफ़ यकीन का" title="ख़ौफ़ यकीन का" width="150" height="150" class="crp_thumb crp_featured" />ख़ौफ़ यकीन काअब मिले शाख कोई" title="अब मिले शाख कोई" width="150" height="150" class="crp_thumb crp_featured" />अब मिले शाख कोईअहसासे-ग़म" title="अहसासे-ग़म" width="150" height="150" class="crp_thumb crp_default" />अहसासे-ग़मक्या पिघलते तुम" title="क्या पिघलते तुम" width="150" height="150" class="crp_thumb crp_default" />क्या पिघलते तुम