भरतदीप माथुर क़ता (मोहब्बत) Jul 4, 2018 1:14 pm कशमकश है… 04 Jul कशमकश है तुझे इस दिल में बसाऊँ कि नहीं मोम सीने में आफताब छुपाऊँ कि नहीं बाख़ुदा मैं तिरा दीवाना हुआ जाता हूँ है शशो पंज तुझे हाल बताऊँ कि नहीं भरत दीप Read by 6 Report Post Share: Related Posts:इन्तजारसाथी है वही चाँद अब भी