कश्ती को मेरी मौला किनारा नवाज़ दे
मैं हूँ गदा मुझे भी तो ज़र्रा नवाज़ दे
दौलत की आरज़ू ना तमन्नाए क़स्र है
मुझको हलाल रिज़्क़ का लुक़मा नवाज़ दे
तेरी अता है आम मिरे रब ज़ूलजलाल
अपने करम का मुझको भी साया नवाज़ दे
ग़फ़लत में हम पड़े हैं तुझे भूल कर ख़ुदा
होश-ओ-ख़िरद का हमको तू तोहफ़ा नवाज़ दे
मैं चांद देखकर यही करता हूँ बस दुआ
ईदैन पर यतीम को कपड़ा नवाज़ दे
काअबा को देखने की है हसरत बहुत मगर
पहले मिरे पङोसी को खाना नवाज़ दे
सज्दे में सर के साथ झुके दिल भी साद का
तू उस को बंदगी का सलीक़ा नवाज़ दे
अरशद साद रूदौलवी