खामोशी का गीत कभी सुना है इस गीत को…
जब दिल तन्हा होता है, खामोशी, तराने गा उठती है,
कभी दर्द के, कभी हँसी के, कभी अंतहीन सोच के तराने,
ख़ामोश हो कर देख, कुदरत की आवाज़ों में, एक संगीत होता है,
पत्तियों की सरसराहट, चिड़ियों के गीत
, हवा का गुजरना,सरर्रर्रर से चलती। हाँ, इनमें राग होता है,
मगर, शोर में रहने वाले, हम तुम, ये नहीं समझ पाते,
दिल में गीत होते है, पर गा ही नहीं पाते। ©सखी🙏