मशहूर हो कर भी क्या किया जहॉं में
वो बदनाम ही सही सबसे मिलता तो है
बात जूनून की है जीवित रहने के लिए
कीचड में ही सही कँवल खिलता तो है
गैर-अकड़ मुर्दा होने ही की पहचान है
हवा चलने पर ज़िंदा इंसां हिलता तो है
ग़ुरबत कब जीत पाई है किसी हौसले को
नींद के धागों से ख्वाब कोई सिलता तो है
सलिल सरोज