कुमार अरविन्द शेर (संदेशात्मक) May 27, 2018 4:31 pm तन्हा 27 May जिंदगी में जब कभी तन्हा हुए खामियां हर सू नजर आयी मेर Read by 8 Report Post Share: Related Posts:बहुत अच्छा है कि खूबियाँ साथ ले के चलोमोहरा"फिर कैसे बेवफ़ा मैं ?"..."जी करता है"...रंज-ओ-ग़म हो न अगर आँखें कभी रोती क्या ?"ढल जाऊँ मैं"...