मोड़ पर हाथ छोड़ आया..
तुझ से रिश्ता –जोड़ आया…
रात नींद में –ख्वाब आया..
पास तेरे दिल –छोड़ आया…
अपनों को जब समझ पाया..
यार तेरे पास –दौड़ आया…
कोई नही जिसे कहता अपना..
सारे झूठे रिश्ते –तोड़ आया…
मेरे सीने में “अंजान” दर्द था..
कैसा राह में –मोड़ आया____।।
—– आकर्षण दुबे ( अंजान )