अमाल उससे कभी छिपता नही है
ख़ुदा है वो कभी दिखता नही है
ज़मी रोशन सितारों को सजाया
ख़ुदा है बरमला छिपता नही है।
हवा वो है वही पानी डगर भी
ख़ुदा है वो तुझे पता नही है।
शज़र में है सिवा तेरे न दूजा
हमे और कोई दिखता नही है।
जँहा ये है अजब गैर-अज़-इश्क़ यूं
यहाँ कोई अच्छा लगता नही है।
-आकिब जावेद