सितारे भी जल जल बुझ लिए सारे हैं
तुझे ही ढूंढ़ते रात हम ज़िन्दगी हारे है
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रचनाकार ने अपनी रचना पोस्ट के बाद , 26/01/20 को एडिट कर खुद हटवा दी है , वह अभी इसे यहाँ पढ़ने के लिए उपलब्ध नहीं कराना चाहते , कारण- पुस्तक में प्रकाशन
नोट – चित्र और शिर्षक नहीं हटाया गया है काग़ज़दिल पर प्रकाशन की तारीख के साथ ।
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… युवराज अमित प्रताप 77