फूलों से चोट खाई
दुनियाँ तेरी दुहाई ।।
दिल दे दिया उन्हीं को
जबसे नज़र मिलाई ।।
सब बज़्म में ख़फ़ा हैं
रुस्वा हुई खुदाई ।।
चाके ज़िगर किया है
ज़ालिम तेरी जुदाई ।।
आने से पास तेरे
खुद को न रोक पाई ।।
ग़ज़लों में ढाल खुद को
अब तो “स्वरा” है छाई ।।
स्वराक्षी स्वरा