आकर्षण दुबे ग़ज़ल (दर्द) Mar 12, 2018 12:12 pm हमारा सारा हिसाब कर दो… 12 Mar हमारा सारा हिसाब कर दो बेवफा हमको माफ कर दो शमशान तलक साथ चलो हम पर ये एहसान कर दो हंसते हुए करते नही विदा नम अपनी आंखें कर दो ये दस्तूर है इस दुनिया के लाश आग हवाले कर दो गिला क्या अब लाश से गुनाह मेरे माफ़ कर दो ..आकर्षण दुबे (अंजान) Read by 140 Report Post Share: Related Posts:हंसी हंसी में हमसे वादे हज़ार कर दियाग़ज़लकुछ खार यूँ चुभेज़हर-ऐ-गम पीकर जिने का दम रख्खा हैं मगर तेरी यादो ने…कागज़ दिल ग़ज़लफूलों से चोट खाई