तेरी याद का दिल में आना बहुत है ।
मुझे चुपके चुपके सताना बहुत है।।
तअल्लुक तो आसां बनाना बहुत है ।
मगर इस को मुश्किल निभाना बहुत है ।।
जरा सोच लो दिल लगाने से पहले ।
मुहब्बत का दुश्मन ज़माना बहुत है।।
कभी उस की मासूमियत पर न जाना।
वो बच्चा है लेकिन सयाना बहुत है।।
हमे प्यार में मत दिवानी बनाओ।
मुहब्बत का देखो फ़साना बहुत है।।
कहां तक चलोगे सफर में अकेले
चले आओ मौसम सुहाना बहुत है।।
©अंशु कुमारी