रदीफ़ तो देखिये
काफिया कर
आप मुझे आजमाकर तो देखिये
हमसे थोड़ी प्रीत निभाकर तो देखिये
हो चुकी हैं बंद रहे जो प्यार की,
उन में प्रेम जगाकर तो देखिये।
वादा रहा ये ना रोने देंगे तुम्हे हम,
थोड़ा सा बस मुस्कुराकर तो देखिये।
मुश्किल है राह जिंदगी की अकेले यारो,
हाथ उन को जरा आप थमाकर देखिये।
मजा है अपना ही,रूठने और मनाने में
बस थोड़ा उन्हें सता कर तो देखिये।
संध्या चतुर्वेदी
मथुरा उप