2122 1212 22
दिल तेरा माँग क्या लिया मैंने
चैन अपना गँवा लिया मैंने
रूह से रूह को तो राहत है
फोन इसलिए मिला लिया मैंने
आप मुझको सदा ही चाहेंगे
ख़ुद ही ख़ुद को बता लिया मैंने
साथ जिसके सुकून मिलता है
सिलसिला वो चला लिया मैंने
देख आँखों में शर्म उसके यूँ
सर अपना झुका लिया मैंने
बाद मुद्दत उसे मिली जो ‘भवि’
आज एहसां जता लिया मैंने