बेवफ़ा आप से ही प्यार हुआ जाता है।
दिल ग़मे इश्क़ में बीमार हुआ जाता है।।
एक अंजान की बातों पे भरोसा कर के
दिल हमारा ये गुनहगार हुआ जाता है
छोड़ के तन्हा किसी रोज़ चले चाओ गे
दिल यही सोच के बेजार हुआ जाता है।।
क्या तेरे दिल में छुपा है मुझे मालुम नही
पर इधर प्यार ये अखबार हुआ जाता है ।।
राख हो जाऐं चलो इश्क में जल कर दोनों।
जीना अंशु यहां दुशवार हुआ जाता है।।
©अंशु कुमारी