जो लोग कभी ख़्वाब से बेदार ना होंगे
दुनिया में किसी चीज़ के हक़दार ना होंगे
मिलने को मिलेंगे तुझे तो दोस्त हज़ारों
ये बात अलग है कि वफ़ादार ना होंगे
जिनको है गुलामी का वही शौक़ पुराना
सर होते हुये भी कभी सरदार ना होंगे
तासीर ज़बानों की असर खोने लगेगी
अलफ़ाज़ वही होंगे असरदार ना होंगे
हम अपनी तबाही के तमाशाई रहेंगे
हम आप अगर साहब-ए-किरदार ना होंगे
साया ही फ़क़त आपको बख़्शेगा जहां में
ऐसे भी शजर होंगे जो फलदार ना होंगे
तुम साद फ़साना ये लिखो कितना ही अच्छा
किरदार कहानी के मज़ेदार ना होंगे
अरशद साद रूदौलवी