मैं तुम्हारी हर बात का एतवार तो कर लूं।
पर हर भरोसा तुम्हारा सियासी लगता है।।
और तुमने कह दिया, बस एक कपड़े में चले आओ।
पर तुम्हारा ये दिलासा भी थोड़ा सरकारी लगता है।।
-कवि योगेंद्र व्यंग्यकार
मैं तुम्हारी हर बात का एतवार तो कर लूं।
पर हर भरोसा तुम्हारा सियासी लगता है।।
और तुमने कह दिया, बस एक कपड़े में चले आओ।
पर तुम्हारा ये दिलासा भी थोड़ा सरकारी लगता है।।
-कवि योगेंद्र व्यंग्यकार