—-आहूति—- इंसान चाहे कितना भी मजबूर हो,गलत करते समय उसे अहसास रहता है कि वो क्या कर रहा है।विवाह की वेदी पर बैठी श्रेया की आँखें नीची थी।भीतर ही भीतर उसके मन में एक लावा -सा फूट रहा था। सामने खड़े भैया भाभी भी ये महसूस कर रहे थे कि जाने क्यूं श्रेया इस विवाह […]