रोहन और रश्मि घर छोड़ते समय बच्चों संग साथ बहुत उदास थे| आज उनको सरकारी कोठी खाली कर दूसरी नई मिली कोठी में जाना था| इस कोठी में २५ साल रहे थे| एक–एक पेड़ उनके गम और खुशी की परछाई थे| बेटी पलक जिद्द कर बोली, “हम अपने नीम के पेड़ को छोड़ कर नही […]
Category Archives: लघु कहानी (श्रेणी मेरी)
इधर पोस्ट हुई ,करके एडिट करना तो दूर सोचने से पहले ——-,ऐल् लो लाइक ठोक दिया किसी परम प्रिय मित्र ने। बढ़ी इतराहट ,ओह मेरी लिखे की ईन्नी बड़ी वेल्यूऊऊऊ। फिर घबराहट भी बढ़ने लगी- खरे उतरने की । नये फोन की लालसा बच्चों ने पहचान ली और एक अदद छूने वाला घमन्तु फोन ला […]
नन्ही कोयल कही भटक गई थी ,तो उसे बेतहासा परेशान देख एक कौवी को अपने साथ ले आई .उसने नन्ही कोयल को कौवी ने बड़े प्यार से पाला था।कब कोयल को उसके माता-पिता ने कौवी के घोंसले मेंदेख लिया था , कौवी को पता ही नहीं चला।रंग-रूप तो कौवे जैसा था पर मीठी आवाज विरासत […]
“परिपक्व” नेहा आज फिलिपींस जा रही है।एक विदेशी कंपनी ने उसे एक प्रोजैक्ट के लिए सम्मानित किया है। साथ ही मंगेतर आकाश भी जा रहा है। मां ने नेहा के रुम की बत्ती जलती देखी तो आवाज लगाई ” नेहा बेटा! लाईट बंद करके सो जाओ ,सुबह की तुम्हारी फ्लाइट है। जल्दी उठ कर जाना […]
अभी पढ़ाई खत्म भी नही हुई कि निशा की माँ ने शादी कर अपनी जिम्मेदारी से पीछा छुड़ा लिया था।शादी के बाद पढ़ाई शुरू रहेगा,जब तक तुम्हारी मर्जी होगी। ऐसा आश्वसन दे कर। निशा ने बहुत कोशिश की कि ये शादी ना हो,खुद को अपरिपक्व समझ रही थी जिम्मेदारी निभाने के लिये, लेकिन माँ ने […]