फेसबुकिया प्यार…… मालिनी एक ऐसा चरित्र है जिसे शायद दूसरों का सोचने के लिए ही बनाया है भगवान ने। मैंने उसे कितनी बार समझाया कि अपने लिए भी तो जियो,पर एक अजीब सी रहस्यमय मुस्कान के साथ वह मुझे टाल जाती है।व्यक्तिगत जीवन की अगर बात करें तो,वो दिखाती तो है कि बहुत खुश हैं […]
Category Archives: मेरा लेख ( महिला)
फेसबुकिया प्यार…… मालिनी एक ऐसा चरित्र है जिसे शायद दूसरों का सोचने के लिए ही बनाया है भगवान ने। मैंने उसे कितनी बार समझाया कि अपने लिए भी तो जियो,पर एक अजीब सी रहस्यमय मुस्कान के साथ वह मुझे टाल जाती है।व्यक्तिगत जीवन की अगर बात करें तो,वो दिखाती तो है कि बहुत खुश हैं […]
महिला-दिवस का महत्त्व व सार्थकता अन्य देशों की तरह भारत में भी हर वर्ष 8मार्च को महिला-दिवस मनाया जाता है। बीता हुआ इतिहास औरतों के संघर्ष की दास्तान से भरा हुआ है । इसका इतिहास बहुत साल पुराना हैं। ऐसा कहा जाता है कि सर्व प्रथम 8 मार्च 1857 में भारत में जब गदर चल […]
“स्त्री सरिता सादृश्या” ‘ गो विद द फ्लो’ अर्थात जैसा वक़्त आये, उसके संग -संग बहो.. क्या सचमुच हम ऐसा कर पाते हैं?या इस उक्ति को लिंग भेद का समर्थन प्राप्त है।बड़े बूढों को कहते सुना था कि “लड़कियां देवी लक्ष्मी स्वरूपा होती हैं।” दादी मां कहती थीं-“लड़की मायके और ससुराल में जल की तरह […]
वो तड़प उठी जब लगाए गए उस पर पहरे क्योंकि वो एक बेटी थी और पिता ने कहा तुम मेरी इज़्ज़त हो, और वो रहने लगी ख़ुशी ख़ुशी अपने पिता की मर्ज़ी के मुताबिक़ जैसे रहती आई थी वो तड़प उठी जब पति ने कहा तुम करती ही क्या हो दिन भर, और वो आँखों […]