जिसे चाहे नवाज़ेगा जिसे चाहे तो बख़्शेगा तेरी रहमत के ये बादल जहां चाहेगा बरसेगा ख़ुदा चाहे मुझे जितना जहां में कौन चाहेगा तेरे ही हुक्म से या रब क़मर ख़ुरशीद निकलेगा ये रब की रहमतें जाने कहाँ तक इतना सोंचेगा हज़ारों फूल गुलशन में जिसे तो चाहे महकेगा नहीं मायूसियाँ अच्छी कि रब रस्ता […]
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कश्ती को मेरी मौला किनारा नवाज़ दे मैं हूँ गदा मुझे भी तो ज़र्रा नवाज़ दे दौलत की आरज़ू ना तमन्नाए क़स्र है मुझको हलाल रिज़्क़ का लुक़मा नवाज़ दे तेरी अता है आम मिरे रब ज़ूलजलाल अपने करम का मुझको भी साया नवाज़ दे ग़फ़लत में हम पड़े हैं तुझे भूल कर ख़ुदा होश-ओ-ख़िरद […]