मिट्टी की तरह तुम बह न जाओ इसलिए तुम पर बरसता नहीं हूँ
Category Archives: शेर (अन्य)
अब तक दिला रहा था दुनियां में घर को जो वो ही निराश गुजरा अब छत की कमी से। रेखा मोहन १८ /६/२०१८
बख़्श दे मुझको मेरा रोज़े हशर बस इतना गले लगा के मेरी ईद मुबारक़ कर दे भरत दीप
बचपने से बड़ी दुआ नहीं कुछ दौर- ए-हाज़िर की बद्हवा नहीं कुछ भरत दीप
एक मतला जो आग लगाने मेरी जागीर में आए हैरत है मुझे आप भी तस्वीर में आए राज़िक़ अंसारी
बहस का मतलब मै सही तू गलत प्रेम का मतलब तू सही और तू ही सही
दिमाग़ ठंडा मगर तूफान ए जिगर रखता हूँ तहज़ीब के दायरे में तंज़ का हुनर रखता हूँ
यूँ इस तरहा मुझे पाने की हसरत ना कीजिए कोई हक़ीक़त नहीं हूँ, बस इक अहसास हूँ मैं
बैठा हुआ शजर पे परिंदा उदास है। देखा है आज उसने जनाजा बहार का।। अंशु
दूर हो इतने नज़र वहाँ तक नहीं जाती क़रीब इतने कि रूह में समाए हो जैसे
तेरी क़ुरबत का क्यूं है अहसास सदा मेरे साथ ? ख्वाबों में मिलने से भी क्या मोहब्बत हुआ करती है ?
गठरी उसकी यादों की हम बांध कर “हामिद” यूँ निकले इस शहर में जैसे कोई अपना न था
न थी तेरी आरज़ू ऐ रस्म ए मोहब्बत अब आई है तो, बैठ तेरा ख़ैर मक़दम Hamid Rajas Thani
ये आप भी देखें है कि बस मुझको भरम है हर शख़्स परेशान है खुलकर नहीं मिलता कुमार अरविन्द ( गोंडा )
आइने में नजर न आयेंगे ऐसे चेहरे बना रहा हूं मैं ❥ कुमार अरविन्द ( गोंडा )
तमाम उम्र ही जलना चाराग की सूरत किसी का होके भी रहना कमाल है कितना अरशद साद रुदौलवी
चन्द सिक्के फकीर की झोली रोज महशर हिसाब आसाँ है अरशद साद रूदौल
इतने सवाल करते हो बस इक जवाब दो तुम दूर मेर साथ कहाँ तक के जाओगे अरशद साद
आईना यकसर बजिद था तोङ दे बातिल का दिल तो उसे इन्साफ के मन्दिर में ला कर रख दिया अरशद साद
वक्त की तस्वीर बदली आँख भी वीरान है देख कर सूरत को मेरी आईना हैरान है
- 1
- 2