काव्य रचना- ( Top Post )

भक्ति दोहे-कृष्ण का नाम
*दोहे* *(1)* सुबह सुबह हम लेत हैं,श्री कृष्ण का नाम । उनके ही आशीष से, अब हर पल आराम ।। ...
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मेहनत पर दोहे
*मेहनत* मेहनत कर कमा रहे ,कैसा गर्द गुबार। मजदूरी छीने गये, कभी आकर उबार ।। सर्द गर्म बरसात पे, करते ...
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कहां हो तुम
ढूंडती रहती हूँ तुम्हे भीड़ मे कहां हो तुम? मैं तन्हा अकेली सदा ही तुम्हारे विचारो में खोई रहती हूँ। ...
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रूहानी भी रूमानी भी
रूह मेरी देवधाम हो जैसे और तुम......हां तुम उस देवालय में स्थापित ईश्वरीय मूरत है न तिलस्मी सा बन्धन अपना ...
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तुम्हें भुला न सके
मेरी सांसों का सूरज दिल की पश्चिम ढल रहा है न जाने किसकी खातिर ये फिर भी जल रहा है ...
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कच्चे धागे
यूँ जब भी मुस्कुराते हो, मेरे अश्कों पर तुम। तो मेरा कागज दिल, न जाने कितने टुकडों में बिखर जाता ...
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