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प्रेम कहानी
आज कॉलेज का वातावरण बेहद चहल पहल भरा थाI वार्षिक समारोह की तैयारी बड़े जोर [...]
कविता (संदेशात्मक)
जीवन और मृत्यु के दो छोरों के बीच झूलता, हिचकोले खाता एक जीवन ….. मृत्यु [...]
कविता (प्रेम)
अपनी कविता में भर- भर एक दिन मैं तुम्हें लिखूंगी शब्दों के सारे पर्वत लाँघ [...]
हास्य / व्यंग
बिल्ली के गले में घंटी भला कौन बांधेगा भाई I कितने बरसों बीत गए, समस्या [...]
विश्व को तू दे संदेसा मैं स्वयंसिद्धा हो चुकी हूँ । वर्जनाएं तोड़कर सिर [...]
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