कविता (प्रेम)
सुन ऐ बादे सबा ! जरा धीरे से गुजरना वहाँ से जहाँ प्रीत की खुशबू [...]
कविता (अन्य)
बड़ी खूबसूरत लगती हैं नयी ईंटें अपने लाल-लाल रंगों में कुछ को दफना देते हैं [...]
जब भी बाँधना चाहा है तुम्हें अपने शब्दों के बंधन में मेरे शब्द रूठ जाते [...]
कविता (वेदना)
तुम्हारी याद का कोहरा जब घना होता जाएगा और कुछ ना दिखेगा उसके आर-पार… उस [...]
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