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कविता (अन्य)
मन सागर ****************** अच्छा लगता है यूं ही, किसी ख़्यालो में बहना। उमंगो की सागर [...]
कविता (प्रेम)
तेरा – मेरा कल ************* कुछ याद भी है,या सब भूल गई हो। तन्हा तेरे [...]
मैं खुद को लिखती हूं ****************** मैं दर्द लिखती हूं किसी ओर की नही अपनी [...]
लघु कहानी (सामाजिक)
कर्ममंच ( कर्मा ) ************** तीखी यंत्रणा और सिसकिया दब कर रह गई मेरी।आज जहां [...]
शेर (दर्द)
चंद लम्हे जो ,उनकी पहलु में गुजारे है। इन्ही लम्हों में , छुपे दर्द सारे [...]
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