See 2 more categories...
Less...
कविता (प्रेम)
“कागज दिल”पर ही,अलिख कर जता दें, क्यूॅ तु ऐहसाॅसो मे खुट रही है। ————*———*———– तेरी [...]
कसूर मेरे दिल का है,जो तुझसें प्यार कर बैठा। नही कुछ दोष तेरा हैं,जो तुझसें [...]
मत मोड़ मुझसें मुह अपना, अभी तो मिलना बाॅकी हैं। क्यों करती हों बेरूखी मुझसें, [...]
नजर की बाण ही ऐसी, नशीली आॅख से निकले। जो दूजें कें नजर में जाकें, [...]
कविता (वेदना)
ना मै बदला ना मैखाना। ना मै बदला ना मैखाना। ——–*——–*——- बदल गयें हैं लोंग [...]
« »
आपका नाम
आपकी ई-मेल आईडी
कृपया बताएं इस पोस्ट से आपको क्या शिकायत है ( काग़ज़दिल आईडी भी लिखें ,यदि आप सदस्य हैं )