मुक्तक (वेदना)
खुशियों को भी खुशियां मेरी ,रास नहीं आती। गुजर जाती हैं गलियों से, पास नहीं [...]
कविता (प्रेम)
तुम बिन दिल अब कहीं न लागे, धरूँ मैं कितना धीर प्रिये। प्रीत की डोरी [...]
कविता (वेदना)
हम फिर मिलेंगे, तो क्या हुआ,जो इस जन्म तुम हमारे न हुए। भविष्य के गर्भ [...]
नयन मेरे तू दीपक बन के जलना, मोम सा घुल रहा ये तन-मन, सपना कोमल [...]
काग़ज़ दिल रचना
कागजदिल ———- नैना बरसे सावन भादो,दूर बहुत है हर मंज़िल, कौन सुने फरियाद मेरी,सुलझे कैसे [...]
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