कविता (वेदना)
कागज पर मेरा चैन बिकता रहा । मैं बेचैन था रात भर लिखता रहा !! [...]
काग़ज़ दिल रचना
सावन की फुहार में, चांदनी रातों में, पतझड़ के मौसम में और सर्दी की ठंढ [...]
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