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मुक्तक (संदेशात्मक)
पुष्प खिलकर के उर में, इक संसार बसाती है संस्कार मय संस्कृती का, हमको सार [...]
मन्दिर मस्जिद गुरुद्वारे में जाने से क्या होता है क्योकि माँ से बढ़के जग में [...]
ग़ज़ल (मोहब्बत)
पास होना ही तेरा बहुत खास है मैं कहूँ क्या प्रिये तू मेरी स्वास है [...]
चोट लगे गर मुझको कही तो दर्द उसे हो जाता है मेरे बिना उसे दुनियाँ [...]
ग़ज़ल (संदेशात्मक)
देश प्रेम को आगे रखके हम खुद का सम्मान करें लोकतंत्र के महापर्व में आओ [...]
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