ग़ज़ल (दर्द)
ज़ुबां ख़ामोश थी उससे शिकायत कैसे करते हम वो जो हासिल नही था उसकी चाहत [...]
ग़ज़ल (संदेशात्मक)
दौलत नही हो इतनी की बीमार हो जाये ना गर्व हो कि टूटता घरबार हो [...]
ग़ज़ल (अन्य)
तुम रूठ गए हमने ये काम नहीं अच्छा निर्दोष पे इस तरह इल्जाम नहीं अच्छा [...]
काग़ज़ दिल रचना
दिल से निकली दिल को छूती आवाज़ है कागज़ दिल दिल को भाता, दिल से [...]
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